मित्र ............जी सादर अभिवादन आपका ख़त मिला . मेरी सेहत ठीक है कोई बुखार ताप नहीं है मज़ा आ गया . ख़त का मज़मून और लिफाफा भा गया बिना प्रयास के मेरा नाम विवादों के आकाश में छा गया नाम तो हुआ मेरा भी मेरे शहर का भी सच्चे सहज प्रयासों को धक्का लगा कर आप ने जो कोशिश की उससे मुझे और हिम्मत मिली मित्र ने मित्र का फ़र्ज़ निबाहा अच्छा लगा. इस शहर में कईयों ने ये भोगा है ऐसी-मित्रता का दंश । इन कईयों को उस पशु कि श्रेणी में रखा जाना चाहिए जिसे एक ख़ास प्रजाति का प्राणी कोसता है। उस पशु का तब तक कुछ नहीं होता जब तक की उसकी वय-पूर्ण नहीं होती।
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Thursday, January 29, 2009
"खुला ख़त :संकीर्ण विचारों वाले न बांचें ?
Tuesday, January 27, 2009
अंतस दीप जागाने आओ !
रंजन ने कहा… अच्छी रही चर्चा, उम्मीद है कि जल्द ही ये कई पन्नों में होगी..
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाऐं
Udan Tashtari ने कहा…बेहतरीन जबलपुरिया चर्चा. वैसे ब्लॉगर मीट का विवरण ऑफिशियल यहाँ पर आ चुका है: http://sanjusandesha.blogspot.com/2009/01/blog-post_3588.html
संजय भाई भी नये जबलपुरिया ब्लॉगर हैं.
आपकी शुभकामनाओं का बहुत आभार
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
P.N. Subramanian ने कहा… जबालीपट्टनम की जय हो.
विनय ने कहा… गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ---आपका हार्दिक स्वागत है
गुलाबी कोंपलें
PD ने कहा… अजी बिलकुल आगे भी जारी रहेगा यह चिट्ठाचर्चा.. इत्ता बढ़िया जो लिखे हैं.. :)
संगीता पुरी ने कहा… बहुत अच्छा.....गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
विष्णु बैरागी हमें तो लगा, हम भी इस मीट में शामिल हैं। अच्छा लिखा है आपने।
Smart Indian - स्मार्ट इंडियन : आपके लघु-सम्मलेन के बारे में जानकर अच्छा लगा!
Sunday, January 18, 2009
सौतन - सौ तन हो गयी,सत्यम शिवम् संजोग
मन मोहन संग रास-रस,अंग-अंग सकुचाय !अनुभव मत पूछो सखि ,मोसे कहो नै जाय !!
देखूं तो प्रिय के नयन,सुनूं तो प्रिय के गीत !
हिय हारी मैं तुम कहो, तभी तो मोरी जीत !!
मैं प्रियतम की बावरी,प्रीत रंग चहुँ ओर !
आई मधु ऋतु ,देने पीर अछोर !!
आज मिलन की यामिनी,मणि-कंचन संजोग
सौतन - सौ तन हो गयी,सत्यम शिवम् संजोग |