तभी तो आभास ने जबलपुर को गायकी की दुनियाँ का सरताज बनाने का सपना दिखाया है ।
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Sunday, October 28, 2007
आभास होने का अर्थ
खदानों के पत्थर जो अनुमानतें हैं ,
मेरे घर की बुनियादें वो जानतें है !!
http://starvoiceofindiashow।com/abhaas-sings-tum-mere-ho/
आपसे आभास को उम्मीद थी ,है, रहेगी, आभास होने का का अर्थ है पुख्ता गायकी आवाज़ में गीत के भाव की उपस्थिति यानी गीत और सुर का सजीव हों जाना
Monday, October 22, 2007
दशहरा यूनुस भाई के नाम पाती
http://radiovani.blogspot.com/
यूनुस --दमोह जबलपुर के बीच मुझे ...हाँ आपको भी दूरी लगती न होगी आपने जबलपुर-के दशहरे का ज़िक्र कर दूरी और भी काम कर दी है आपने लिखा है की -" आज दशहरा है ।मैं दो दिन पहले ही जबलपुर से लौटा हूं ।
दुर्गोत्सव की छटा जबलपुर में देखते ही बनती है । इस बार जबलपुर में घूम घूमकर दुर्गोत्सव देखा और पुराने दिनों को याद किया । सबसे अच्छा लगा सिद्धिबाला बोस बांगला लाईब्रेरी के प्रांगण में जाकर दुर्गा प्रतिमा को देखने में । यही वो पंडाल है जहां मैंने बंगाल के कई लोकप्रिय कलाकारों के बाउल गीत सुने हैं । बंगाल की संस्कृति की अनमोल झांकी देखने मिलती है वहां । इसके अलावा गोविंदगंज रामलीला जो तकरीबन डेढ़ सौ सालों से जबलपुर का गौरव रही है, उसके मंच को देखकर भी अच्छा लगा ।"यूनुस जी जबलपुर के नज़दीकी ग्राम्यांचालों की कृषक टोलियाँ आया करतीं थी म्यूनिसपल तीन पत्ती चौक से हनुमानताल तक जाने वाली प्रतिमाएं आज भी उसी तरह निकलतीं हैं ..गढ़ा का जलूस तो अगले दिन ही निकलेगा पर अब.. फर्क ये है कि ग्राम्यांचलों के किसान परिवार अब अपने शहरी रिश्तेदारों के घर रुकते नहीं हैं... बाइक-और ट्रेक्टरों से वापस हो जाते हैं . हाँ एक और बात जबलपुर के बेटे "आभास जोशी" ने भोपाल दौरे पर जो पाती शहर वासियों के नाम दशहरे के अवसर पर भेजी थी अखबारों ने अपने-अपने अंदाज़ में छापी तो जबलपुर वासी पीछे क्यों रहते आनन फानन पंकज विद्यार्थी और जितेन्द्र चौबे ने ६ घंटे के भीतर आभास का बेहतरीन पोस्टर ऑटो पर लगा कर श्याम बैंड के साथ जनमेदनी के बीच रवाना कर दिया ..... जबलपुर आज भी जबलपुर है लोग जिसे प्यार करतें हैं दिल से प्यार करतें हैं श्याम-टाकीज़ यानी मालवीय-चौक पे तो अचानक २०० युवक एक समूह में जमा हो गए जो पुलिस की टोही निगाहों से बच नहीं सके पता साजी करते पुलिस वालों के पूछे जाने पर युवक बोले :-"सर, आप भी कीजिए न आप भी एक "एस०एम०एस०" आभास को अपने शहर का बेटा है वाह.....जबलपुर....!!
Friday, October 19, 2007
“आभास का दीवाना है शहर भी...! प्रदेश भी....!!”
हर उम्र वर्ग समूह ने आभास को पसंद किया है । इस बात की पता साजी करने निकले आभास जोशी स्नेह मंच के लोग तो पाया कि अनवर अली साहेब हर उसके पक्ष में न केवल वोट करतें है बल्कि कराते भी हैं जो शहर जबलपुर से बाबस्ता हो. संजीव चौधरी जी ने बताया था कि :-"अनवर साहब ने प्राजक्ता शुक्रे को दिल खोल के वोट किये और कराए आप उनसे भी मिलिए "
मंच के जीतेन्द्र भाई जब उनसे मिले तो पता चला कि अनवर साहब तो आभास के लिए पहले ही से कम कर रहें है....!
बिल्डर सरदार अमरीक सिंह ने कहां:-"वाहे गुरु की मेहर से अपना आभास ही इंडिया की आवाज़ बनेगा मेरे पिंड दा मुंडा चक देगा इंडिया तुसी घबराओ न जी "
तो मनवीर की राय थी:-"भैया के लिए मुझे बहुत जागना पड़ता है मम्मी पापा मैं हम सब आभास भैया के गाने सुने बिना नहीं सोते "
नन्हें ऋतिक और सागर मनचंदा ने उलटे हमारी टीम से ही पूछ लिया:-"अंकल वोट कौन नहीं देता हमारे भैया को ...?"
पत्रकार सुरेन्द्र दुबे को आभास का त्याग भाव बेहद भा गया:-"अपाहिज बच्चों की मदद के लिए बावरे फकीरा गाकर आभास ने जो किया है हम उसके लिए एक वोट नहीं करें तो उसके त्याग के लिए हमारा मूल्यांकन हमारी सोच को रेखांकित करता है"
जैन समाज के प्रदीप जैन की राय में :-"लोग भारतीय संगीत की शक्ति को भुला न पायें, तभी तो पुराने सोने की पहचान कराता है आभास पर आज के दौर को भी आभास ने खुद में संजो लिया है ..... भाई....! बेमिसाल....!! लाजवाब.....!!!"
मिक्की आहूजा तो आभास की गायकी से इस कदर मुतासिर हैं कि उनके सामने आप किसी और की तारीफ करेंगे तो उनका गुस्सा तुरंत नजर आ जाएगा।
श्रीमती शिवेश गृहणी ने कहा:-"समय के साथ मनोरंजन के तरीके बदलते-मीडिया कलाकारों के लिए "आत्मिक-संबंध की डोर सी बाँध दी है मुझे मेरा बेटा गाता नज़र आता है जब आभास गाता है"
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी बाबी की राय थी -"आभास की टक्कर का वर्सटाइल मुझे किसी भी रियलिटी शो में नहीं मिला "
जबकि राजा एवं सतीश वंशकार का मत है शहर के लोग अगर वोट करें तो हमारा आभास वाईस-ऑफ़-इंडिया ज़रूर बनेगा !
प्रिंटिंग व्यवसाय में संलग्न विनोद अरोरा एवं आटो-पार्ट व्यापारी संजय जैन ने कहा:-"प्राजक्ता के बाद आभास ने महानगरों को चुनौती जहाँ देकर जबलपुर का माथा ऊँचा किया वहीं मध्य-प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि यहाँ के कलाकार जब छाते हैं दिलों पे तो दुनियाँ दंग रह जाती है "
रेडिमेड-वस्त्रों का कारोबार करने वाली नीलम अरोरा ने बताया कि जबलपुर सिवनी मंडला कटनी यानी पूरा महाकौशल आभास का दीवाना है....! सब चाहतें हैं आभास के सर वी० ओ० आई० का ताज होना ही चाहिऐ, इसके लिए वे दर्शकों को नसीहत देना नहीं भूलीं -"भाई..वोट तो करो आभास के लिए प्यार को साबित करो "
नीलम जैन जो प्रसारण विवादित क्षेत्र में रहतीं ने घर घर जाकर आभास को वोटिंग कराई वो कहतीं हैं:-"शहर के लिए अगर में थोड़ा-सा समय आभास के निकालती हूँ तो क्या बुराई है इसमें लोगों को वोटिंग पाॅवर देकर अपने पसंद का गायक चुनने की छूट मिली है तो इस अवसर को क्यों हाथ से जानें दूँ"
साहित्यकार-कविगण भी आभास की दीवानगी से नहीं बच पाए महावीर नयन, आसुतोष "असर",राजेश पाठक "प्रवीण'', एस० ए० सिद्दीकी,डाक्टर संध्या जैन "श्रुति",कुमारी गीता"गीत", आनंद कृष्ण, डाक्टर विजय तिवारी "किसलय", तो आभास की वोटो के कारण पिछले दिनों हुए एलिमिनेशन को आभास की नहीं संगीत और सुर की हार माना जबकि पंकज शुक्ल इसे महानगरों से छोटे शहरों की स्पर्धा मानते कहतें है-"कोई तो है जो सीमित साधनों मी असीम कोशिश में लगा है...... ?"
दिनभर सरकारी काम काज निपटाने में लगे मंडला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रसिद्ध कवि जगदीश जटिया हो या जिला कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र द्विवेदी हों सभी आभास के लिए इयामित वोट ही नहीं करते वरन सहयोगियों से आभास की प्रस्तुतियों पर होतीं चर्चा में शामिल भी हो जाते है. संयुक्त-संचालक महिला बाल विकास श्रीमती राजपाल कौर दीक्षित, आर० एस० रघुवंशी [भोपाल] अक्षय श्रीवास्तव {भोपाल} जबलपुर के इस हीरे के बारे में अपने सम्पर्क में आने वालों से ज़रूर पूछते हैं.......!
अनिल अरोरा, सरदार कुलवंत सिंह, कुमार मलकानी, मनोहर चावलानी,लोचन दुबे सामूहिक रूप से केबल विवाद को आभास के लिए रोड़ा मानते हुए कहतें हैं कि:-"स्टार-प्लस भी जिम्मेदार है कुछ हद तक...! जबलपुर की आधी जनता स्टार वाईस ऑफ़ इंडिया नहीं देख पा रही स्टार चाहे तो कुछ ही पलों में विवाद थम जायेगा"
स्वप्निल जैन ने आभास जोशी को सबसे चर्चित गायक माना जबकि शिवानी अनुभा निष्ठा चिन्मय तन्मय तान्या कम वोटिंग के कारण की तलाश में है....!
http://www.slide.com/r/FUGXmlG_7j_6t-5o-R9DORJUuhzVVYWT?previous_view=lt_embedded_url
Sunday, October 14, 2007
शर्मनाक
जबलपुर में केबल-वार अब घटिया स्तर पर उतर आया है...! इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला १३/१०/२००७ को स्टार-प्लस की जगह छोटे केबल वालों को डरा धमका कर ,प्रलोभन देकर ज़ी टी० वी० एक प्रतिद्वंदी चेनल के प्रसारण दिखाने को बाध्य किया गया ।
हुआ यूँ कि एयरटेल के नोड पर चलने वाले बी० टी० वी० में कोई तकनीकी खराबी होने [शायद हो गयी या कर दी गयी] का फ़ायदा काम्पटीटर केबल का प्रसारण ज़ी टी ० वी० "सा..रे...गा...मा...पा ...." के लिए किया गया ।
रात १०:०० बजने के २० मिनट पहले तक़नीकि-खराबी का आना केबल वाले निरंजन ने अपना नंबर ९३०००१५६९० बंद कर लेना, एयरटेल से वोटिंग बंद हो जाना आभास जोशी के लिए किया गया षडयंत्र नहीं तो क्या ...?
जो भी हो हम हारे नहीं हैं वास्तव में थोड़े उदास जरूर हुये थे पर हम को मालूम है दशहरे में इन रावण वृत्ती का अंत तय है.....!
Saturday, October 13, 2007
श्रेयष-ने आके बताया......!
"मुझे जबलपुर बहुत याद आता है...-आभास-जोशी"
आभास ने जबलपुर प्रवास पर आये अपने भाई श्रेयस के जरिये कह -"मुझे जबलपुर कितना याद आ रहा है भैया आप क्या जानों दशहरे की शुरुआत घूमना फिरना सब कुछ छूट गया लगता है....!"
शहर भी अब मुझे याद कर रहा होगा मुझे भरोसा है... वोटों ने साबित कर ही दिया है..!भैया देखना मेरा वी०ओ०आई० बनने का सपना मेरी आंखों से निकलकर सब की आखों में बस गया है . बिना खिताब लिए जाने पर सब क्या सोचेंगे ?
इसी भय से मुक्ति दिलाने आदेश श्रीवास्तव ने शायद आभास को पिसनहारी की मढ़िया जीं के उनको मिले १००/- देते हुये आभास को सफलता का आशीष दिया
श्रेयस ने अपने अनुभव आभास जोशी स्नेह मंच के सदस्यों के बीच बाटते हुए बताया -"मंच और होस्टल में दिन भर धींगा मुश्ती करने वाले आभास ने सबका मन मोह लिया है . लोग उसे और उसकी शरारत को ख़ूब पसंद कर रहे हैं... अमिताभ जीं, से आभास को आशीर्वाद के साथ यह सुनकर बहुत कि भई! ये जबलपुर वाले
किस कुएं का पानी पीते हैं जो इतना अच्छा गाते हैं...?
एलिमिनेशन पर आभास रोया बिल्कुल नहीं उसने मेरे ही आंसू पोंछे जो मेरे लिए अदभुत एहसास था ,
आभास जोशी को जब शहरवासियों के उसके लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दीं गयी तो उसने कहा -"भैया अब हार से मुझे डर लग रहा है शहर ने जो मुझे लेकर सपने देखे हैं.....?"
श्रेयस ने समझाया -''योगी, जबलपुर क्या पूरे देश-प्रदेश ने तुमको लेकर सपना सजाया है तभी तो सब तुम्हारे साथ हैं और रहेंगे ''
आभास जोशी को जिताने
SMS से वोट करने . वीओआई< >05, भेज़ें 57827 पर
बीएसएनएल लैंडलाइन 1862424782705 मोबाइल 12782705 एयरटेल
505782705
Thursday, October 11, 2007
आभास के सुर
watch songs sung by young talenthttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DThg2O1nzh5I%22Ek Chatur Naar - SVOI - 23rd Septemberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3Dk3ceZyjOvDE%223 Abhaas - Mera To Jo Bhi Kadam - SVOI - 14th Septemberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DZLoDnPNyjRY%224 Abhaas - Hum Kisi Se Kum Nahin - SVOI - 21st Septemberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DMZ_9gig_iIg%225 Abhaas - Aaja Aaja - SVOI - 8th Septemberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DThg2O1nzh5%226 Abhaas - Kaal Dhamaal - SVOI - 31staughttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DRDiWV89fvek%227 Abhaas - Vaada Raha - SVOI - 7th Septemberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DwuhK7w5nEVI%228 Abhaas - Janaab E Ali - SVOI - 6th Octoberhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3Dx_4J1SDRFIg%229SVOI 07-07 Abhaas - Ye duniya usiki.wmvhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fwww.youtube.com%2Fwatch%3Fv%3DzPF0-QFfF3A%26mode%3Drelated%26search%3Damul%2520s%2210Abhas Joshi - Mitwa - Jagjit Singhhttp://www.orkut.com/UniversalSearch.aspx?q=%22http%3A%2F%2Fyoutube.com%2Fwatch%3Fv%3DRi-3ZCFY1yo%22Join http://www.orkut.com/Community.aspx?cmm=40187624 for more songs
Sunday, October 7, 2007
"अपने बच्चों को छोटे-छोटे अवसरों से वंचित न रहनें दें कौन जाने इनमें कहीं आभास पनप रहा हो...!!"
"अपने बच्चों को छोटे-छोटे अवसरों से वंचित न रहनें दें कौन जाने इनमें कहीं आभास पनप रहा हो...!!"
आभास के सुरों का जादू शहर के हरेक इन्सान पर इस क़दर हावी है कि अब तो हर फोरम पे अगर आभास का ज़िक्र न हो तो बात गोया पूरी ही नहीं हुई मानी जाती ...... आभास जोशी स्नेह मंच के संयोजक राजेश पाठक "प्रवीण" रविवार दिनांक ०७/१०/०७ रैली के बाद एक सांस्कृतिक आयोजन में शामिल हुए , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे चित्रकार-कलाकार "हरी भटनागर"
कार्यक्रम यूँ तो अंतरंग था किन्तु प्रेरणास्पद रहा है... बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ वाह...वाह....!"
जहाँ एक ओरसभी अतिथियों ने आभास के लिए वोट अपील की वहीं..हरी भटनागर जी के कथन-"बच्चों को छोटे-छोटे अवसरों से वंचित न रहनें दें कौन जाने इनमें कहीं आभास पनप रहा हो ...?"-सुनकर अभिभावक अभिभूत हुए बिना कैसे रह सकते थे ....!
Part 1 http://www.divshare.com/download/2086645-f96
Part 2 http://www.divshare.com/download/2086703-1a5
Part 3 http://www.divshare.com/download/2087151-4da
Part 4 http://www.badongo.com/vid/481639
Part 5 http://www.divshare.com/download/2087414-93b
Saturday, October 6, 2007
" आभास के गुमनाम फेन की तलाश "
आभास जोशी स्नेह मंच जबलपुर
को
" आभास के गुमनाम फेन की तलाश "
आभास जोशी स्नेह मंच द्वारा सुदर्शन परिवार दिनांक ०७/१०/२००७ की यात्रा के लिए जनसहयोग से तैयारियों के लिए प्रचार सामग्री तैयार गोलबाज़ार में कराई जा रही थी भाई जितेंद्र चौबे जब प्रेस में मैटर दीं गए वहीं एक व्यक्ति जो अपने काम से आये थे. बिना कुछ कहे अपनी ओर से १००० पैम्फलेट अधिक छपवाने प्रेस प्रबंधक से चर्चा की और स्वयम पास की दूकान से ज़रूरत के अनुसार कागज़ खरीद कर दे गए मुद्रक को मुद्रक एवं मंच के प्रचार संयोजक जितेन्द्र चौबे ने जब उनसे नाम जानना चाहा तो साफ इनकार करते हुये-"भाई साहब आभास के लिए मेरा ये कर्तव्य है...नाम में क्या रखा है...?"
आभास जोशी स्नेह मंच इन गुमनाम फेन का आभारी है मंच चाहता है कि आभास के ये फेन महाशय यदी प्रचार नहीं चाहते तब भी वे मंच को अपना भावनात्मक सहयोग तथा आभास को अपना आशीर्वाद देने अवश्य आज ०७/१०/०७ को अवश्य ही प्रात: आने का कष्ट करेंगे !
http://youtube.com/watch?v=CB8YqexGz88
Monday, October 1, 2007
"आभास का दीवाना हुआ शहर !!"
उन हाथों को चूम लेना चाहता हूँ !!
आभास कि जीत तो पक्की है.... मेरी इस पंक्ति के पूरे होते होते शायद आभास शायद जीत चुका होगा.....!
जबलपुर,मध्य-प्रदेश,भारत,जर्मनी,शारजाह,यू०ए०ई०, सिंगापुर,यू० के०, पाकिस्तान जहाँ से जिसने भी आभास को सराहा जीं चाहता है.... मैं उन हाथों को चूम लूँ.....!यकीन कीजिये उन हाथों को चूम लेना चाहता हूँ...!
ये कहा राजेश पाठक "प्रवीण" ने
शहर जबलपुर जागते हुये पत्थरों का शहर है.... महाकौशल संस्कारों का क्षेत्र है... भ्रगु-ऋषि , की तपोस्थलि का अनुपम सौन्दर्य जहाँ से जो भी जात्रा शुरू होती है.. संघर्ष भरी भले हो सफल ज़रूर हो जाती है...!
आभास का सफ़र "टी० वी०एस० सा..रे..गा..मा...पा...!" से शुरू हुआ था आभास ने जीता था वो खिताब और तब से पिछले तीन माह से अमूल-स्टार-वाईस-ऑफ़-इंडिया के लिए संघर्ष रत है...एलिमिनेट हुआ जबलपुर से आभास भैया को राखी भेजने वाली शिवानी से खाना नहीं खाया था तो राखी स्पेशल के मौके पर स्टेज पर जाकर राखी बाधने वाली निष्ठा ने शहर से सवाल किया... वो हाथ क्यों थके-थके हैं जिन्हौंने ताज को नंबर वन पर लाने सर्वाधिक वोट देकर शहर जबलपुर का नाम नंबर वन पर दर्ज़ कराया ...?
तो नन्हाँ ब्लागिया चिन्मय , उसका दोस्त गुरू यानी अनुभव इतने उदास थे कि अपने दोस्तों से कुट्टी कर ली, गुमसुम घर में बैठे बतिया रहे थे-"मेरे दोस्तों ने शायद वोट नहीं किये अपने आभास को...हमें इनसे बात नहीं करनी !"
जितेन्द्र भाई सतीश भैया सबको धीरज देते सच्चा सुर है जीतेगा ज़रूर !
गोविन्द भाई तो बेचैन थे हीरा जीं यानी पं. रोहित तिवारी जीं की बेचैनी से .... प्रह्लाद जीं राजा वंशकार सतीश वंशकार सब-के-सब परेशान ......
आभास के लिए मुहिम छेड़ने वाले महाकौशल के अखबार में भी आभास को लेकर चिंता थी , प्रभाव शाली ढंग में वोट अपील जारी कर मीडिया ने जो मदद की वो सब हतप्रभ...!
आभास जोशी स्नेह मंच के लोग केबल-वार के शिकार उन इलाकों में गए जहाँ स्टार प्लस नहीं दिखाया जाता जबलपुर बरेला बरगी पनागर तो मानो आभास को वी०ओ०आई० का विजेता मान ही चुका है...!
मुझे विश्वास है फिर गूंजेगी शांतनु मुख़र्जी "शान" की आवाज़ -"जब्बलपुर...के...आभास .....!"
आलेख डाक्टर संध्या जैन श्रुति जबलपुर
Subscribe to:
Posts (Atom)