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जी हाँ ... सच है अमित जी से ईर्ष्या होंने लगी है मुझको , ऐश्वर्या के लिए यदि वे मन्नत भी मानतें है तो रोजिये उनको घेरे रहतें है । फिर एक पंडित के सहारे विशेष कार्यक्रम भी प्रसारित कर देतें हैं ।
यहाँ हम हैं कि कितने भी सदकर्म कर लें खबरी भाई हमारी ओर केमरा नहीं घुमाते । घुमाएंगे क्यों कर हम कोई अमित थोड़े न हैं जो हमें कोई पूछेगा...?
भाई...! हमारे शहर के लोग हमको पहचानतें है इतना ही बहुत है । हम ठहरे सरकारी, आदमी वो हैं व्यापारी काहे को उनकी नज़र हम पे पड़ेगी । अब आप सोच रहें होंगे कि हमको दिखास का रोग लग गया है ये बात नहीं है भाई ! हमारी सोच है कि जनता को क्या दे रहे हैं ये चेनल वाले ... अगर ये आज-तक वाले हमारे भाई सा'ब साहित्य के पुरोधा "बच्चन जी " पे ही कुछ दिखा देते तो शायद उनका चेनल सही दिशा में कुछ करता नज़र आता हमको । इन बेचारों क पास विषय गोया चुक गए लगते है .... तभी तो अपने "प्रभू जी, राखी सावंत से शातिराना तरीके से सिलिकान के.... के बारे में पूछ ही लेतें है "
कभी गेरे जी कभी ऐरेगैरे जी को ख़बर बना के पेश करने की आदत का मतलब टी०आर०पी॰ से सुसंगत है ।
लेकिन मेरी १० साल की बिटिया ने ज्यों ही अमिताभ की भक्ति का समाचार इस चेनल पर पाया उसी भगवान की सौगंध जिसकी पादुका पूजन अमित कर रह थे बिटिया ने झट डिस्कवरी चेनल लगा लिया ।
प्रभू ..... आपकी महिमा अब १० बरस वालों को भी मालूम हों चुकी है अब तो समझ जाओ भैये ...!
न समझो तो मुझे क्या आपसे झगडा थोड़े करना है हमको , टी० वी० बंद करना तो हमारे ही हाथ में है ।
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