फ़ुसतिया जी से मिलने आया था आदि इत्यादी बात चीत के बाद चाय पानी पीकर घर आया तो सिवानी बिटिया बोली :- हर समय हड़बड़ाते हो पापा फ़ोन तो मत भूला करिये...? कोई शुक्ला अंकल का फ़ोन आया था.
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Thursday, October 28, 2010
और फ़ुरसतिया जी से मुलाक़ात न हो सकी..!
Sunday, October 10, 2010
कौन है जो
कौन है जो
आईने को आंखें तरेर रहा है
कौन है जो सब के सामने खुद को बिखेर रहा है
जो भी है एक आधा अधूरा आदमी ही तो
जिसने आज़ तक अपने सिवा किसी दो देखा नहीं
देखता भी कैसे ज्ञान के चक्षु अभी भी नहीं खुले उसके
बचपन में कुत्ते के बच्कोम को देखा था उनकी ऑंखें तो खुल जातीं थी
एक-दो दिनों में
पर...................?
आईने को आंखें तरेर रहा है
कौन है जो सब के सामने खुद को बिखेर रहा है
जो भी है एक आधा अधूरा आदमी ही तो
जिसने आज़ तक अपने सिवा किसी दो देखा नहीं
देखता भी कैसे ज्ञान के चक्षु अभी भी नहीं खुले उसके
बचपन में कुत्ते के बच्कोम को देखा था उनकी ऑंखें तो खुल जातीं थी
एक-दो दिनों में
पर...................?
खून ने खौलना बंद कर दिया
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साभार ajay vikram singh |
जी अब मेरे खून ने खौलना लगभग बंद कर दिया. मैं अपने आप को ज़िंदा रखना चाहता हूं. बोल देता हूं क्योंकि बोलना जानता हूं पर दबी जुबान में. तुम तो कह रहे थे अंग्रेजों के जाने के बाद हमारा ही राज़ होगा.... तुम ने झूठ तो नहीं बोला गोली खा के शहीद हो गए तुम्हारे त्याग ने १५ अगस्त १९४७को आज़ादी दे दी लेकिन कैसी मिली तुम क्या जानो मुझे मालूम हैं पुख़्ता छतों की हक़ीक़त.. सच अब तो अभ्यस्त हो गया हूं. अब सच में अब मेरे खून ने खौलना लगभग बंद कर दिया. मेरे पास समझौते हैं भ्रष्ट व्यवस्था से कभी जूझा था एक बार. फ़िर सबने समझाया समझ में आ गया अब जी रहा हूं एक टीस के साथ पर सच अब मेरे खून ने खौलना लगभग बंद कर दिया. देखता हूं शायद कभी खौल जाए इस देश की खातिर पर उम्मीद कम है
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