Thursday, October 28, 2010

और फ़ुरसतिया जी से मुलाक़ात न हो सकी..!

http://0.gravatar.com/avatar/ebec36c44cd1371daa3eea01cb2cc668?s=96&d=http%3A%2F%2F0.gravatar.com%2Favatar%2Fad516503a11cd5ca435acc9bb6523536%3Fs%3D96&r=Gकाम का दबाव परिजनो  फ़ुरसतिया जी जैसे वरिष्ट मित्र का नगरागमन सूचना समय पर मिली फ़िर भी मैं फ़ुरसतिया जी  से मुलाक़ात न कर सका.उछाह था आज़ भेंट हो ही जावेगी. किंतु क्या करें विधाता का लिखा मेरे हाथों कैसे फ़िरता. बवाल ने कहा था:-"महाराज़, तैयार रहियो टीक 6:30 पे आ जाऊंगा " अपन मिल आते हैं. घर पर हम भी करवा-चौथी चांद की प्रतीक्षा रत आगे से पीछे पीछे से आगे गैलरी से झांकते रहे  साढे सात बज गये मियां बवाल को चार-पांच फ़ोन दागे सब के सब मिस काल में चले गए. आनन फ़ानन आटो बुलाया आटो आते ही बस बिना किसी सब्र के निकल पड़े हम . घर से मुख्य रेलवे स्टेशन का रास्ता तय करने में आधा-घण्टा लगता है . आटो रसल चौक पर लगे जाम में फ़ंसा  घड़ी की एक एक सुई मुझे हताश कर रही थी. जैसे तैसे स्टेशन पहुंच गया. हांफ़ते हांफ़ते प्लेट फ़ार्म पर दाखिल हुआ तब तक ट्रेन ने सरकना शुरु कर दिया. स्टेशन-अधीक्षक विरहा जी बोले :- पप्पू भैया , कहा जा रहे हैं. ?
फ़ुसतिया जी से मिलने आया था आदि इत्यादी बात चीत के बाद चाय पानी पीकर घर आया तो सिवानी बिटिया बोली :- हर समय हड़बड़ाते हो पापा फ़ोन तो मत भूला करिये...? कोई शुक्ला अंकल का फ़ोन आया था.

7 comments:

Anita kumar said...

:)
शुक्ला जी के दर्शन आसां नहीं और हो भी जाएं और अगर उनका लैपटॉप उनके साथ हो तो बस फ़िर तो नेट पर ही बात करने को नसीब होगा। चलिए अगली बार सही।

अनूप शुक्ल said...

कित्ते तो नंबर धरे हो आप! कहां-कहां फ़ोनियाते रहे और नम्बर एक्को न मिले। वो तो भला हो विजय तिवारी किसलय जी का कि उनके दर्शन हो गये।

खैर फ़िर आते हैं जल्दी ही जबलपुर मुलाकात करने के लिये। :)

अनूप शुक्ल said...

वैसे हम ट्रेन के चलने के बाद ही अन्दर गये। इंतजार फ़ुल टाइम किया गया! :)

Girish Kumar Billore said...

9479756905
मिसफ़िट:सीधी बात

Udan Tashtari said...

अफसोस की आप मिल न सके.

बवाल said...

Kash hamaare seene men achaanak dard naa uthtaa hota. Kash hamen Theek usee vakt ECG ke liye jaanaa hota. Kaash hum fursatiyaa jee se mil paate. Akhar gayaa jee bahut akhar gayaa unse naa mil paanaa. Teen din kaa bed rest is adheer Bavaal ko kaise pachegaa ? Fursatiyaajee itnee short visit ab aage naa kariyegaa ke apne bavaal se hee naa mil paayiyegaa. Aapkaa beemaar hoon sir khayaal rakhe rahiyegaa. Girish jee kshama karen ke aa nahin sake.

Anonymous said...

afsos..koi baat nahi..phir kabhi hi sahi....

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