सुनीता शानू जी.....ने.....महिला दिवस पर एक सामयिक रचना ......ब्लाग पर पोस्ट की है एक क्लिक कीजिए कविता केलिए मै और तुम उनके ब्लोंग पर यहाँ क्लिक करके देखिए "मन पखेरू फ़िर उड़ चला"
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Thursday, March 6, 2008
महिला दिवस पर एक चिंतन "चिंता नहीं चिंतन की ज़रूरत है"
महिला सशक्तिकरण की चिंता करना और समाज के समग्र विकास में महिलाओं की हिस्सेदारी पर चिंतन करना दो अलग-अलग बिन्दु हैं ऐसा सोचना बिलकुल गलत है । लिंग-भेद भारतीय परिवेश में मध्य-कालीन देन है किन्तु अब तो परिस्थितियाँ बदल रहीं है किन्तु बदलती तासीर में भी महिला वस्तु और अन्य वस्तुओं के विक्रय का साधन बन गयी है. अमूल माचो जैसे विज्ञापन इसके ताज़ा तरीन उदाहरण हैं .क्या विकास के इस फलक पर केवल विज्ञापन ही महिलाओं के लिए एक मात्र ज़गह है...? ऑफिस में सेक्रेटरी,क्लर्क,स्टेनो,स्कूलों में टीचर,बस या इससे आगे भी-"आकाश हैं उनके लिए॥?"हैं तो किन्तु यहाँ सभी को उनकी काबिलियत पे शक होता है .होने का कारण भी है जो औरतैं स्वयम ही प्रदर्शित करतीं हैं जैसे अपने आप को "औरत" घोषित करना यानी प्रिवलेज लेने की तैयारी कि हम महिला हैं अत:...हमको ये हासिल हों हमारा वो हक है , .... जैसा हर समूह करता है।.....बल्कि ये सोच होनी चाहिए कि हम महिलाएं इधर भी सक्षम हैं...उस काम में भी फिट...! यहाँ मेरा सीधा सपाट अर्थ ये है की आप महिला हैं इसका एहसास मत .होने दीजिए ...सामाजिक तौर पे स्वयम को कमजोर मत सिद्ध करिए ... वरन ये कहो की-" विकास में में समान भागीदार हिस्सा हूँ.....!"
दरअसल परिवार औरतों को जन्म से औरत होने का आभास कराते हैं घुट्टी के संस्कार सहजता से नहीं जाते ।आगे जाते-जाते ये संस्कार पुख्ता हो जातें हैं।मसला कुल जमा ये है कि महिला के प्रति हमारी सोच को सही दिशा की ज़रूरत है...वो सही दिशा है समग्र विकास के हिस्से के तौर पर महिला और पुरुष को रखने की कोशिश की जाए॥
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2 comments:
शुक्रिया गिरीश जी आपने अपने ब्लोग पर हमे स्थान दिया...दिल से आभारी हूँ...
महिला दिवस पर आपको एवं समस्त मातृ-शक्ति के प्रति सादर शुभ कामनाएं,मैंने कुछ बड़ा काम नहीं किया
आप इसके लिए कोई आभार व्यक्त मत कीजिए
भवदीय
गिरीश बिल्लोरे
महिला-बाल-विकास,अधिकारी
जबलपुर [म०प्र०] .
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