Monday, March 16, 2009

बावरे फकीरा के विमोचन को आज दो दिन बीतने के बाद नींद थकान दूरके कारण भूल गया था की कोई पोस्ट लिखनी है . सो सुधि मित्र माफ़ करेंगें. वैसे मुझे उम्मीद थी की ब्लागर्स मुझे शब्द संबल तो देंगे ही किंतु भाई समीर लाल भाई विजय तिवारी किसलय जी , भाई बवाल,डूबे जी , शैली माधव जी ,जिनने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर संबल दिया को छोड़कर सिर्फ़ प्रमेन्द्र जी ही वो व्यक्ति रहे जिन्हौने एक पोस्ट दी भगवान बाबा इन सभी ब्लागर्स को विश्व फलक पर सदैव प्रखर और मुखर रखें . जो ब्लॉगर इस और ध्यान नहीं दे पाए उनको बताना चाहूंगा कि : मुझे सदैव निराशा देने वाले मित्रों में से एक मित्र ने कहा :"भाई,गिरीश सच ईश्वर के अस्तित्व को नकारना ग़लत होगा मुझे यकीन नहीं हो रहा कि 1500 से अधिक लोग सभागार में उतने ही बाहर से प्रतीक्षारत ?"

अशेष शुभ कामनाओं के साथ

3 comments:

Udan Tashtari said...

आपके द्वारा आयोजन में जो सफलता अर्जित की गई, उसे सलाम भाई..

बहुत गजब आयोजन रहा.बधाई हो!!

Prem Farukhabadi said...

mukul bhai,
aapki jitni taareef kii jaye kam hai.manas bhavan mein poora jabalpur umad pada tha. bahut bahut badhaai ho.

बवाल said...

अति भव्य आयोजन था मुकुल भाई क्या कहना ! आभास का गायन, ज़ाकिर भाई की ज़बरदस्त प्रस्तुति, शेषाद्रि भाई की क़व्वाली, बेहतरीन आडियन्स, समीर लाल जी का प्रवाह और राजेश पाठक ’प्रवीण’ जी का मंच संचालन, बहुत ख़ूब। बाबा की कृपा बरसती दिख रही थी आयोजन में।
हाँ एक बात अखर गई साहब के राजेश पाठक जी ने हमारे माइक संभालते ही पीछे से कह दिया
--जल्दी कीजिए! उनकी यह आदत हमने किसलय जी के जन्मदिन पर भी महसूस की थी। खै़र कोई बात नहीं साहब आपने जो स्वागत किया और सम्मान दिया उसके आगे ये सब गौड़ है हा हा ।
अति पवित्र भावना से किया गया आपका यह आयोजन सुखद याद के रूप में हमें हमेशा याद रहेगा। बहुत बहुत बधाई और आभार।

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