Saturday, May 3, 2008

कुछ तो शर्म करिए

आभास के आने की ख़बर मिली, भोपाल के रास्ते आ रहे आभास को की नानी के देहावसान की ख़बर मिली , नानी जी की अन्तिम यात्रा में शामिल हुए आभास के बाल मन पर गहरा अंतर्द्वंद चल रहा था। अश्रु थे कि रुक नहीं पा रहे थे , तभी इक प्रसंशक ने आभास की और इक जेबी डायरी बढा दी ऑटोग्राफ के लिए। आभास भौंचक था । प्रसंशकों कुछ तो..........?

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