धरा से उगती उष्मा , तड़पती देहों के मेले
दरकती भू ने समझाया, ज़रा अब तो सबक लो
यहाँ उपभोग से ज़्यादा प्रदर्शन पे यकीं क्यों है
तटों को मिटा देने का तुम्हारा आचरण क्यों है
तड़पती मीन- तड़पन को अपना कल समझ लो
दरकती भू ने समझाया, ज़रा अब तो सबक लो
मुझे तुम माँ भी कहते निपूती भी बनाते हो
मेरे पुत्रों की ह्त्या कर वहां बिल्डिंग उगाते हो
मुझे माँ मत कहो या फिर वनों को उनका हक दो
दरकती भू ने समझाया, ज़रा अब तो सबक लो
मुझे तुमसे कोई शिकवा नहीं न कोई अदावत है
तुम्हारे आचरण में पल रही ये जो बगावत है
मेघ तुमसे हैं रूठे , बात इतनी सी समझ लो
दरकती भू ने समझाया, ज़रा अब तो सबक लो
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Thursday, May 28, 2009
Friday, May 22, 2009
Check out जीतिए रु 1000 का इनाम प्रतिमाह, 14 राकेश खंडेलवाल की पुस्तकें और हज़ारों पाठकों की नज़र-ए-इनायत
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बावरे-फकीरा टायटल भजन जो आपको पसंद आए
सुधि साथियो
साईं राम
शायद आप इस ब्लॉग को अनदेखा न कर पाएंगे .
आशा है आप को पसंद आएगा यह भजन
Sunday, May 17, 2009
रेडियो सबरंग : आपको वो मिलेगा यहाँ जो आप तलाशतें हैं ...!
कुंदन लाल सहगल सी एच आत्मा
कुंदन लाल सहगल जी के स्वरों में सजी ग़ज़ल को सुनना शायद आज किसी को पसंद हो न हो किंतु जिनको इसकी तलाश है उनकी तलाश एक क्लिक से ख़त्म हो सकती है इतना ही नहीं सी एच आत्मा के सुर में आप सुन उस दौर का मशहूर गीत प्रीतम आन मिलो सुन सकतें हैं ।
"रेडियो सबरंग टीम का आभार "
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