अन्नू कपूर मोहित हुए आभास के अन्दर की सरस्वती को किया प्रणाम, एन डी टी वी इमेजिन पर चल रहे रियलिटी शो जुनून में इस बार जो हुआ वो किसी शो में नहीं हुआ [एडिटेड समाचार के लिए क्लिक कीजिये लिंक पर ] हमें आभास पर विश्वास तो पूरा है कि
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABADEVOTIONAL ALBUM "BAWARE FAQEERA" VOICE :- *ABHAS JOSHI {Mumbai/Jabalpur} *SANDEEPA PARE {Bhopal} MUSIC:- *SHREYASH JOSHI { Mumbai/Jabalpur } LYRICS:- *GIRISH BILLORE ;MUKUL (Jabalpur) FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT [1] girishbillore@gmail.com [2] girish_billore@rediffmail.com [3] PHONE 09479756905 pl send crossed cheque of Rs.60/-(Rs.50 +Rs. 10/) for one CD to Savysachi Kala Group 969/A-2,Gate No.04 Jabalpur MADHY-PRADESH,INDIA
Friday, August 22, 2008
अन्नू कपूर मोहित हुए आभास के अन्दर की सरस्वती को किया प्रणाम
आभास पे फ़िदा हुए अन्नू कपूर आभास की प्रतिभा की दीवानगी का हर तरफ़ असर दिखाई देता है. एन डी टी वी इमेजिन के बेहतरीन म्यूजिकल शो जुनून के आने वाले शो में सबसे मार्मिक और भावुक कर देने वाला दृश्य होगा आभास और अन्नू कपूर के बीच सम्मान और सराहना का आदान प्रदान बेहद भावुक किंतु संगीत के लिए प्रतिबद्ध एंकर अन्नू ने आभास की परफोर्मेंस के बाद बेहद अनोखे तरीके से की तारीफ़ जिससे प्रभावित हो आभास ने इस हस्ती के पाँव छू लिए . इस बात से बेखबर सभी आभास की प्रस्तुति और विनम्रता पे मोहित थे की अन्नू कपूर ने आभास के पाँव छुऐ..........!इस बात का आभास न तो आभास को था और न ही आडिएंस को , जजेज भी हतप्रभ हुए और अन्नू जी की ऊंचाई को ताकते रह गए सभी . की अन्नू जी ने कहा:-"बेटे,इस ग़लत फहमी में मत रहना की मैंने तुम्हें प्रणाम किया मैंने तो तुममे बसी माँ सरस्वती को प्रणाम किया है"अन्नू कपूर की ऊंचाई को नापना सबके बस में नही तभी तो यह घटना और अन्नू कपूर का कथन सबके लिए प्रेरक प्रसंग सी बन गया है .
Tuesday, August 19, 2008
क्लिक-सलाम:विश्व छायांकन दिवस पर विशेष
जबलपुर का छायांकन में योगदान उच्च स्तरीय रहा है । फोटोग्राफी ,के पुरोधाओं में शशिन यादव जी,का नाम जहाँ एक ओर बड़े सम्मान से लिया जाता है वहीं युवा छायाकारों को भी जबलपुर नहीं बसरता क्या करें इस शहर की तासीर ही ऐसी ही है। जबलपुर में फोटो पत्रकारिता के बीते दौर में जिनका नाम शिखर पर था उनमें शशिन यादव जी के अलावा कामता-सागर,जे० एस० मूर्ति,दिलीप घोष, स्वर्गीय महेंद्र चौधरी,आर० खान,नितिन पोपट,का दौर आया । इनमें दिलीप घोष जे एस मूर्ति को छोड़ सभी सीधे तौर पर अखबारी फोटोग्राफी से जुड़े थे। ब्लेक एंड व्हाइट दौर में रंगीन फोटो रोल मुंबई में साफ़ होते थे स्थानीय अखबार की ज़रूरत पूरी कराने ये छायाकार बड़ी मेहनत से प्रोग्राम के अन्तिम क्षण तक रुकते और तुंरत स्टूडियो में जा कर डेवलप करते तब तक ढेरों फोन आ चुके होते थे सम्पादकों के ।
काम मेन्यूअल होने से थोडा विलंब तो हो ही जाता था । साथ आने जाने के साधन के नाम पे थी सायकलें या किन्हीं के पास स्कूटरें, वरना रिक्सा क्या बुरा था जो आज भी मेरे शहर की पहचान है।इन पुरोधाओं के बाद दौर आया सुगन जाट,पप्पू शर्मा,रजनी कान्त यादव,अरविन्द यादव,बसंत मिश्रा,संजीव चौधरी,संतराम चौधरी,अनिल तिवारी,-आफ़रोज खान,महिला छायाकारों में विजया परांजपे ,और ............श्रीवास्तव थीं जो ज़्यादातर नारी निकुंज {नवीन दुनिया जबलपुर का सर्वाधिक लोकप्रिय परिशिश्ठ }के लिए काम करतीं थीं किंतु केवल स्वांत:सुखाय ।आज के दौर में संजय राठौर,राजेश मालवीय,जापानी,उमेश राठौर,वीरेन्द्र राजपूत,के०के०, संजय पशीने,शंकर विश्वकर्मा, सहित सारे वो जो प्रतिबद्ध हैं फोटो ग्राफी के लिए..... सबको मेरा क्लिक सलाम
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