tag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post8891043910530466460..comments2023-09-20T21:27:05.253+05:30Comments on बावरे-फ़क़ीरा: आत्महत्या क्यों न ......?बाल भवन जबलपुर http://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post-85425021287880758232007-11-18T23:04:00.000+05:302007-11-18T23:04:00.000+05:30परमजीत बाली "आपका आभारी हूँ !"परमजीत बाली <BR/>"आपका आभारी हूँ !"बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post-76824362043725815802007-11-14T21:13:00.000+05:302007-11-14T21:13:00.000+05:30इश्क़ कीजे सरेआम खुलकर कीजे। भला पूजा भी छिप छिप क...इश्क़ कीजे सरेआम खुलकर कीजे। भला पूजा भी छिप छिप कोई करता है।<BR/> *************<BR/>* बंदिशें लाख हों, ताले हों, लक़ीरें हों खिचीं<BR/>प्रीत की राह पे काँटों की कालीनें बिछीं !<BR/>ख़ौफ़ कितना भी हो इज़हार तो कर ही देना-<BR/>दिल के झोले को सुक़ून से भर ही लेना...!<BR/>वर्ना ख़ुद ज़िंदगी यूँ चैन से नहि जीने ही देगी<BR/>अमिय सुख का तुमको भी न पीने नहीं देगी ! <BR/><BR/>पूछ मीरा से जा इश्क़ में क्या ताक़त है ?<BR/>इश्क पूजा है-इबादत है कोई तिज़ारत तो नहीं !<BR/><BR/>ये तो सज़दे में , पूजा, प्रार्थना में यही<BR/>ये वो काम जो सरे आम किया जाता है....!<BR/><BR/>हरेक मज़हब में सुबहो-शाम किया जाता है....!<BR/><BR/>यकीं नहीं तो खुसरो से पूछ लेना तुम <BR/><BR/>वो भी कहेंगे जीं हाँ खुलकर कीजे .....भला पूजा भी कोई..... छिप छिप के किया करता है..? <BR/>**गिरीश बिल्लोरे "मुकुल”बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post-76001167877896084502007-11-14T21:09:00.000+05:302007-11-14T21:09:00.000+05:30आपका आभारी हूँ . अपने इर्दगिर्द से वो बात लाया हूँ...आपका आभारी हूँ . अपने इर्दगिर्द से वो बात लाया हूँ और लाता रहूँगा जो जीवन से र्नैराश्य अवसाद को परे रखा जा सके. आप भी संस्मरण मेल कर सकतें हैं मुझे बल मिलेगा पाठको को दिशाबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post-44045128682303675422007-11-14T12:59:00.000+05:302007-11-14T12:59:00.000+05:30आप ने बहुत ही प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए हैं ..निश...आप ने बहुत ही प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए हैं ..निश्चय ही इस से दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी।बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-411341392934376520.post-45552807679477802492007-11-14T11:42:00.000+05:302007-11-14T11:42:00.000+05:30आध्यात्मिक सोच मनुष्य को नई दिशा ओर उर्जा प्रदान क...आध्यात्मिक सोच मनुष्य को नई दिशा ओर उर्जा प्रदान करती है ओर नकारात्मक उर्जा को नष्ट कर सकारात्मक कार्य करने को प्रेरित करती है .इसी बेहतर सोच के कारण सुशील जी आत्महत्या करने से बच गये. बढ़िया प्रस्तुति सराहनीयसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com